कोरोनावायरस का दुनिया की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में अब संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के मुताबिक कोरोना वायरस से जो अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है, उसकी वजह से दुनिया भर में लगभग 2.5 करोड़ लोगों की नौकरी जा सकती है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने कोरोवायरस के चलते हुए नुकसान को देखते हुए यह अनुमान लगाया है कि आने वाले समय में कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। हालांकि, एजेंसी का यह भी मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित नीति के तहत अगर काम किया जाए तो दुनियाभर में होने वाली बेरोजगारी पर कोरोना वायरस के असर को कम करने में मदद मिल सकती है।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने "कोविड-19 और कामकाजी दुनिया: प्रभाव और कार्रवाई" शीर्षक वाली अपनी एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में वर्कप्लेस (कार्यस्थल) में कर्मचारियों की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था को मदद और रोजगार के साथ आमदनी को बनाए रखने के लिए वो कौन से जरूरी और बड़े कदम है उसको लेकर उपाए बताए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की तरफ से कहा गया है कि इन उपायों में सामाजिक सुरक्षा, रोजगार बनाए रखने में मदद (कम अवधि का काम, वैतनिक अवकाश, अन्य सब्सिडी), छोटे और मझोले उद्योगों के लिए वित्तीय और कर राहत शामिल हैं।
आईएलओ की तरफ से कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते जो आर्थिक और श्रम संकट पैदा हुआ है, उससे दुनिया भर में करीब 2.5 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि 2008 के समय जो संकट पैदा हुआ था उसके मुकाबले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित नीतिगत कार्रवाई पर गंभीरता से अमल करें तो वैश्विक बेरोजगारी पर प्रभाव काफी कम हो सकता है। दरअसल कोरोनावायरस के चलते दुनियाभर के बाजारों में लगातार भारी गिरावट देखी जा रही है।
कोरोनावायरस के कहर के चलते : 'दुनियाभर में जा सकती है 2.5 करोड़ लोगों की नौकरी'